1. तुम आ जाओ मेरी कलम की स्याही बनकर,
मैं तुम्हें अपनी ज़िन्दगी के हर पन्ने में उतार दूँ..
मैं तुम्हें अपनी ज़िन्दगी के हर पन्ने में उतार दूँ..
2. कभी साथ बैठो तो कहूँ, क्या दर्द हैं मेरा,
अब तुम दूर से पूछोगे, तो खैरियत ही कहूँगा..
अब तुम दूर से पूछोगे, तो खैरियत ही कहूँगा..
3. वो आज करते है नजर अंदाज तो बुरा क्या मानू,
टूट कर पागलो की तरह मोहब्बत भी तो सिर्फ मैंने की थी..
टूट कर पागलो की तरह मोहब्बत भी तो सिर्फ मैंने की थी..
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