रे लफजो मे दर्द भले ही हो,
मगर मेरी शायरी मे रंजिश नही,
मै तरस गया भले मरहम के लिए ,
मगर जिदंगी मे कोई गर्दिश नही..
मगर मेरी शायरी मे रंजिश नही,
मै तरस गया भले मरहम के लिए ,
मगर जिदंगी मे कोई गर्दिश नही..
तेरे साथ जीना है... दिल की बातों को आज कहना है तुमको, धड़कन बनके तेरे दिल में रहना है हमको, कही रुक ना जाए यह मेरी साँसें, इसलिए हर पल ते...
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