1. मुद्दत हो गयी, कोइ शख्स तो अब ऐसा मिले,
बाहर से जो दिखता हो, अन्दर भी वैसा ही मिले..
बाहर से जो दिखता हो, अन्दर भी वैसा ही मिले..
2. नफरत करना तो कभी सिखा ही नही,
हमने दर्द को भी चाहा है अपना समझकर..
हमने दर्द को भी चाहा है अपना समझकर..
3. मैंने समुन्दर से सीखा है जीने का सलीका,
चुपचाप से बहना और अपनी मौज में रहना..
चुपचाप से बहना और अपनी मौज में रहना..
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