क्यों मरते हो बेवफा सनम के लिए,
दो गज जमीन नही मिलेगी दफन के लिए,
मरना हे तो मरो देश-ए-वतन के लिए,
हसीना भी दुपट्टा उतार देगी कफ़न के लिए
दो गज जमीन नही मिलेगी दफन के लिए,
मरना हे तो मरो देश-ए-वतन के लिए,
हसीना भी दुपट्टा उतार देगी कफ़न के लिए
तेरे साथ जीना है... दिल की बातों को आज कहना है तुमको, धड़कन बनके तेरे दिल में रहना है हमको, कही रुक ना जाए यह मेरी साँसें, इसलिए हर पल ते...
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