1. जिनके पास अपने है वो अपनों से झगड़ते हैं,
नहीं जिनका कोई अपना वो अपनों को तरसते है..
नहीं जिनका कोई अपना वो अपनों को तरसते है..
2. आईना आज फिर रिशवत लेता पकडा गया,
दिल में दर्द था ओर चेहरा हंसता हुआ पकडा गया..
दिल में दर्द था ओर चेहरा हंसता हुआ पकडा गया..
3. सख़्त हाथों से भी छूट जाती हैं कभी कभी उँगलियाँ,
रिश्ते ज़ोर से नही तमीज़ से थामने चाहिए..
रिश्ते ज़ोर से नही तमीज़ से थामने चाहिए..
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